It’s the lyrics of a song from the movie Gulaal. Some may call it motivational while the others may call it fanatic. I found the lyrics amazing and couldn’t have imagined it as a part of a Modern day Bollywood Movie. I am sure anyone who has even a little liking for Hindi poetry will love the song.
आरम्भ है प्रचंड बोले मस्तकों के झुंड,
आज जंग की घडी कि तुम गुहार दो,
आन बान शान या कि जान का हो दान,
आज एक धनुष के बाण पर उतार दो.
मन करे सो प्राण दे, जो मन करे सो प्राण ले,
वही तो एक सर्व शक्तिमान है,
इश्र की पुकार है ये भागवत का सार है,
कि युद्ध ही तो वीर का प्रमाण है,
कौरवों कि भीड़ हो या पांडवों का नीड़ हो,
जो लड़ सका है वो ही तो महान है,
जीत की हवस नहीं, किसी पे कोई वश नहीं,
क्या ज़िन्दगी है ठोकरों पे मार दो,
मौत अंत है नहीं तो मौत से भी क्योँ डरें?
ये जाके आसमान में दहाड़ दो.
हो दया का भाव या कि सौर्य का चुनाव,
या कि हार का वो घाव तुम ये सोच लो,
या कि पूरे भाल भर जला रहे विजय का लाल,
लाल ये गुलाल तुम ये सोच लो,
रंग केसरी हो या मृदंग केसरी हो,
या कि केसरी हो लाल तुम ये सोच लो.
जिस कवी कि कल्पना में ज़िन्दगी हो प्रेम गीत,
उस कवी को आज तुम नकार दो,
भीगती नसों में आज, फूलती रगों में आज,
आज आग कि लपट का तुम बघार दो.
आरम्भ है प्रचंड बोले मस्तकों के झुंड,
आज जंग की घडी कि तुम गुहार दो,
आन बान शान या कि जान का हो दान,
आज एक धनुष के बाण पर उतार दो.
Below is the video from YouTube
It’s one of my fav. Beautifully written and composed by the great Shree Piyush Mishra.